
भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। स्टार्टअप इंडिया के आकंडे के अनुसार 15 जनवरी 2025 तक भारत में 1.5 लाख से ज्यादा स्टार्टअप रजिस्टर हो चुके हैं | लेकिन भारत में स्टार्टअप के फेल होने की संख्या विचलित करती है | भारत में लगभग 80-90 % प्रतिशत स्टार्टअप पांच साल के अंदर फेल हो जाते हैं | सफल स्टार्टअप की शुरुवात कैसे करें, आइये जानते हैं:
1. सही स्टार्टअप आईडिया कैसे चुने ?
किसी भी स्टार्टअप की शुरुवात एक बिज़नेस आईडिया से होती है, जो समाज की वास्तविक समस्या को हल कर रहा हो | बिज़नेस आईडिया का चयन किस आधार पर होना चाहिए:
- आईडिया ऐसा हो जिसके लिए ग्राहक भुगतान करे
- B to C और B to B ज्यादा सही माना गया है
- आपके ग्राहक कौन हैं, इसकी पहचान करें
- जिसके लिए प्रोडक्ट या सर्विस बना रहे हैं, उसकी क्रय करने की शक्ति का भी आकलन करना चाहिए
- कितना बड़ा मार्केट है
2. Business Model Canvas क्यों जरुरी है ?
Business Model Canvas (BMC) एक विजुअल टूल है जो आपके आइडिया को 9 हिस्सों में बांटकर उसे एक बिजनेस में बदलने में मदद करता है:
BMC खंड | उद्देश्य |
---|---|
Customer Segments | आप किसके लिए बना रहे हैं? |
Value Propositions | आप क्या समाधान दे रहे हैं? |
Sales Channels | आप ग्राहक तक कैसे पहुंचेंगे? |
Customer Relationships | ग्राहक से संबंध कैसे बनाएंगे? |
Revenue Streams | कमाई कैसे होगी? |
Key Activities | बिजनेस चलाने के मुख्य कार्य |
Key Resources | किन चीजों की ज़रूरत होगी |
Key Partners | सहयोगी कौन होंगे |
Cost Structure | किस पर कितना खर्च होगा |
अपने आइडिया को BMC के हर खंड में भरकर देखें, तभी असली मूल्य पता चलेगा।
3. मार्केट रिसर्च और सर्वे:
कोई भी आइडिया कितना भी अच्छा क्यों न लगे, जब तक वह ग्राहकों की नजर में काम का नहीं है, वह फेल हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने टारगेट कस्टमर से सर्वे करें।
सीधा संवाद: फोन कॉल, फील्ड विजिट, सोशल मीडिया पोल
सवाल पूछें: उन्हें क्या समस्या है? वे अभी क्या समाधान इस्तेमाल कर रहे हैं?
डिजिटल टूल्स: Google Forms, Typeform, WhatsApp Polls आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. प्रोटोटाइप बनाये
एक बार जब आप मार्केट की जरूरत समझ जाते हैं, तो उसका एक छोटा संस्करण यानी प्रोटोटाइप (Prototype) बनाएं। यह एक शुरुआती मॉडल होता है जिससे पता चलता है कि आपका प्रोडक्ट या सर्विस कैसे काम करेगा। इसकी कास्ट, वास्तविक प्रोडक्ट या सर्विस से कम होती है |
5. प्रोडक्ट टेस्टिंग
प्रोटोटाइप बनने के बाद उसे टारगेट कस्टमर को दिखाएं, उनसे प्रतिक्रिया (feedback) लें। यह बहुत जरूरी स्टेप होता है क्योंकि इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि:
- क्या वह इसके लिए पैसा देने को तैयार है?
- क्या ग्राहक को यह पसंद आया?
- क्या सुधार की जरूरत है?
टेस्टिंग करने के बाद अगर जरुरत है तो उसमे पुनः विचार करके परिवर्तन करें और सम्बंधित ग्राहक से फीडबैक ले सकते हैं |
6. GTM (Go to Market Strategy) प्रोडक्ट को सफलतापूर्वक लॉन्च करने की रणनीति:
जब आपका प्रोटोटाइप टेस्ट हो चुका हो और फीडबैक भी मिल गया हो, तब अगला कदम है — मार्केट में सही तरीके से एंट्री करना, यानी Go-To-Market Strategy बनाना।
क्या होती है Go to Market Strategy ?
GTM (Go-To-Market) Strategy एक एक्शन प्लान होता है जो यह तय करता है कि:
- प्रोडक्ट को कब और कैसे लॉन्च किया जाए?
- किस मार्केट से शुरुआत की जाए?
- किन चैनलों का इस्तेमाल किया जाए?
- कस्टमर को कैसे अट्रैक्ट और कन्वर्ट किया जाए?
7. GTM Strategy के मुख्य घटक:
घटक | विवरण |
---|---|
Target Market | आप किस ग्राहक से शुरुआत करेंगे? |
Value Proposition | आप ग्राहकों को क्या खास दे रहे हैं? |
Sales Strategy | आप सेल्स कैसे करेंगे — ऑनलाइन, ऑफलाइन, पार्टनर के ज़रिए? |
Marketing Channels | सोशल मीडिया, Google Ads, WhatsApp, Influencer Marketing इत्यादि |
Pricing Strategy | शुरुआती कीमत क्या होगी? डिस्काउंट या फ्री ट्रायल होगा क्या? |
Customer Support | ग्राहक को शिकायत या सवाल के लिए कैसे सपोर्ट मिलेगा? |
उदाहरण: Go-To-Market Strategy – boAt
🎯 Target Audience: 18-35 वर्ष के युवा
💡 Value Proposition: स्टाइलिश, सस्ते और अच्छी क्वालिटी वाले हेडफोन्स
📲 Marketing Channel: Instagram Influencers + YouTube Reviews
🎁 Pricing: पहली खरीद पर भारी छूट + फ्री डिलीवरी
📦 Distribution: Amazon, Flipkart, और अपनी वेबसाइट
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