
स्टार्टअप इंडिया सीड फण्ड स्कीम का लाभ लेने के लिए कब आवेदन करें ? कैसे आवेदन करना होता है, स्टार्टअप के मन मे यही सवाल पैदा होता है और जब आवेदन करने के लिए जाते हैं तो पता चलता है कि आवेदन करने की तिथि ही ख़त्म हो गयी |
क्या है SISF स्कीम ?
Startup India Seed Fund Scheme (SISFS) को प्रचलन में लाने के लिए DPIIT ने अप्रैल 2021 में ₹945 करोड़ का एक कोरपस फण्ड बनाया | जिसका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स को शुरुवाती स्टेज में पूंजी प्रदान करके प्रोटोटाइप तैयार करना तथा मार्केट में लांच करना है | इस स्कीम का उद्देश्य था कि अगले चार वर्षो में 300 इनक्यूबेटर के द्वारा लगभग 3600 स्टार्टअप को फण्ड मुहैया कराना |
इस स्कीम के तहत 50 लाख तक का फण्ड प्रदान किया जाता है |
अप्रैल 2025 में चार वर्ष पूरे हो चुके हैं, आगे देखेंगे कि क्या DPIIT का निर्धारित लक्ष्य पूरा हो गया है ?
पात्रता क्या है ?
स्टार्टअप इंडिया सीड फण्ड स्कीम का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता होना जरुरी है :
- DPIIT रजिस्टर्ड स्टार्टअप होना चाहिए |
- एप्लीकेशन के दौरान स्टार्टअप का इनकारपोरेशन 2 वर्ष से ज्यादा नहीं होना चाहिए |
- स्टार्टअप का मार्केट फिट बिज़नेस आईडिया होना चाहिए |
- स्टार्टअप आईडिया स्केलेबल होना चाहिए |
- स्टार्टअप में टेक्नोलॉजी का उपयोग हो |
- स्टार्टअप किसी भी राज्य सरकार या भारत सरकार से 10 लाख से ज्यादा का ग्रांट ना लिया हो |
- स्टार्टअप में भारतीय प्रोमोटर का कम से कम 51% शेयर होना चाहिए |
कितना ग्रांट मिलता है ?
स्टार्टअप इंडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ₹20 लाख तक ग्रांट (PoC, प्रोटोटाइप, टेस्टिंग के लिए) मिलता है जबकि ₹50 लाख तक कॉन्वर्टिबल डिबेंचर/डेट‑लिंक्ड सुविधा, मार्केट एंट्री, कमर्शियलाइजेशन, स्केल‑अप के लिए मिलता है | इसलिए अपने जरुरत और स्टार्टअप स्टेज के अनुसार Fund Utilization Plan तैयार करना चाहिए |
एप्लीकेशन कैसे करें ?
अगर आप ऊपर दिए गए कंडीशन को पूरा करते हैं तो आप SISFS के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
- इसके लिए आपको स्टार्टअप इंडिया का सीड फण्ड वाले पेज पर जाना होगा, पेज को विजित करने के लिए क्लिक करें |
- इसके लिए एक बार आधिकारिक गाइड बुक जरूर पड़ें |
- लॉग इन करके सभी विवरण ध्यान से भरें |
- एप्लीकेशन कुछ इस तरह से दिखता है:

- एप्लीकेशन के अंत में तीन इन्क्यूबेशन सेण्टर को सेलेक्ट करना होता है |

- Incubator Preference चुनने से पहले, यह जान ले कि जिस इनक्यूबेटर को हम चुन रहें हैं उसके पास फण्ड है या नहीं | इसके लिए इनक्यूबेटर के Representative से मिलना चाहिए, क्योंकि कभी कभी इनक्यूबेटर कुछ निश्चित क्षेत्र के स्टार्टअप को ही सपोर्ट करते हैं |
- एप्लीकेशन सम्बंधित इनक्यूबेटर को फॉरवर्ड कर दिया जाता है, जिसे इनक्यूबेटर द्वारा 45 दिनों में प्रक्रिया पूरा किया जाता है |
चयनित कमेटी में कौन-कौन होते हैं ?
स्टार्टअप का चयन Incubator Seed Management Committee (ISMC) द्वारा किया जाता है | इस कमेटी में निम्नलिखित लोग होते हैं:
- Nominee of Incubator (Chairman)
- Representative from State Government’s Startup Nodal Team
- Representative of a Venture Capital Fund or Angel Network
- A domain expert from Industry
- A domain expert from academia
- Two successful Entrepreneurs
- Any other relevant Stakeholder
चयन किस आधार पर किया जाता है ?
स्टार्टअप का चयन मुख्यतः प्रॉब्लम स्टेटमेंट, रिसर्च, बिज़नेस मॉडल और टीम पर डिपेंड करती है जो मुख्यतः सभी स्टार्टअप को ध्यान में रखना चाहिए | स्टार्टअप इंडिया के अनुसार, स्टार्टअप का चयन कमेटी निम्नलिखित मापदंड के अनुसार करती है:
Criteria | Details |
Is there a need for this Idea? | Market size, what market gap is it filling, does it solve a real-world problem? |
Feasibility | Feasibility and reasonability of the technical claims, methodology used/ to be used for PoC and validation, roadmap for product development |
Potential Impact | Customer demographic & the technology’s effect on these, national importance (if any) |
Novelty | USP of the technology, associated IP |
Team | Strength of the team, Technical and business expertise |
Fund Utilization Plan | Roadmap of money utilization |
Additional Parameters | Any additional parameters considered appropriate by incubator |
Presentation | Overall assessment |
क्या एक बार रिजेक्ट होने के बाद दोबारा अप्लाई कर सकते हैं ?
बिल्कुल ! अगर पहली बार कमेटी ने किसी कारणवश रिजेक्ट कर दिया है तो, स्टार्टअप इंडिया के अनुसार आप दोबारा 6 सप्ताह बाद अप्लाई कर सकते है बशर्ते आपको कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव को सम्मलित करना पड़ेगा |
किस इनक्यूबेटर में अप्लाई करना चाहिए ?
इनक्यूबेटर का पोर्टफोलियो स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट पर दिया गया है | इसके माध्यम से इनक्यूबेटर का सेक्टर, Evaluation Rate, Available Grant Balance with the Incubator आदि देखा जा सकता है | अतः अप्लाई करने के पहले यह होमवोर्क सभी स्टार्टअप को जरूर करना चाहिए |
अभी तक कुल कितने स्टार्टअप को लाभ मिला ?
Press Information Burau से मिली जानकारी के अनुसार 2024 तक कुल 2,622 स्टार्टअप को कुल ₹467.75 करोड़ की सहायता दी जा चुकी है |
सफल स्टार्टअप की शुरुआत कैसे करें? | जानिए आइडिया से लेकर प्रोडक्ट टेस्टिंग तक का पूरा सफर
https://theeduexpress.com/startup-kaise-shuru-karen-hindi-me/