
सोहम पारेख एक भारतीय सॉफ्टवेर इंजिनियर है, जो मुंबई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की और फिर जार्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर में मास्टर डिग्री हासिल की |
शुरुवात कैसे हुई ?
NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार सोहम पारेख जो पेशे से सॉफ्टवेर इंजीनियर है पर गंभीर आरोप लगें हैं | आरोप है कि सोहम ने एक साथ कई अमरिकी स्टार्टअप कंपनियों में काम किया, और काम करने वाले कंपनियों को इस बात की भनक भी नहीं लगी | Playground AI के पूर्व सीईओ सुहेल दोषी ने X पर इसकी जानकारी दी |
आरोपों का सच
- सुहेल दोषी का दावा है कि पारेख ने एक Y Combinator सपोर्टेड स्टार्टअप में पहले हफ्ते में ही नौकरी छोड़ दी इसके साथ कई अन्य कंपनियों में भी इसी तरह किया |
- Lindy, Fleet AI, Antimetal, Wrap जैसी कंपनियों ने भी पारेख को इसी तरीके से धोखा देने का आरोप लगाया |
- सुहेल दोषी का कहना है कि पारेख ने अपने CV में 90% से ज्यादा जानकारी झूठ दिया है |
प्लेग्राउंड एआई की स्थापना करने वाले दोशी ने सोहम पारेख का बायोडाटा भी साझा किया , जिससे पता चलता है कि इस तकनीकी विशेषज्ञ ने डायनमो एआई, यूनियन एआई, सिंथेसिया और एलन एआई में कई तकनीकी भूमिकाओं में काम किया है। बायोडाटा से यह भी पता चलता है कि उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री प्राप्त की है |
सोशल मीडिया पर लोगों की राय
सुहैल दोशी की पोस्ट पर नेटिज़न्स ने मिलती जुलती राय दी है, जबकि कुछ अन्य लोगों ने पूछा कि मूनलाइटिंग गलत क्यों है।
हालांकि, कुछ लोगों ने पूछा कि यदि सोहम पारेख ने साक्षात्कार दिया और उसमे सफल रहे तथा अपने लक्ष्य को समय से पूरा किया तो अंशकालिक नौकरी करना गलत क्यों है। गलत तब माना जा सकता है जब वो अपना काम सही से और समय से पूरा ना करे |