Greenpod labs

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फल और सब्जी उत्पादक है, लेकिन Central Institute of Post Harvest Engineering & Technology के अनुसार लगभग 15-40% प्रोडक्ट बिना ग्राहक तक पहुचे ख़राब हो जाते हैं | यह भारत ही नहीं दुनिया की एक बड़ी समस्या है | इसके अलग अलग कारण हो सकते हैं | इस भारी नुकसान की कीमत केवल ग्राहक उठाता है और उसको ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है | इस समस्या का हल दीपक राजमोहन ने ढूंढ लिया है |

दीपक राजमोहन फ़ूड साइंटिस्ट हैं, जो USA में नौकरी करते थे | राजमोहन ने फ़ूड साइंस में Oklahoma State University से मास्टर्स किया है और Anna University से Agricultural Engineering में बैचलर डिग्री प्राप्त किया है |

कैसे बना ग्रीनपॉड लैब्स ?

दीपक राजमोहन ने देखा इस गंभीर समस्या पर कोई काम नहीं कर रहा है और इस समस्या का अभी भी हल नहीं निकल पाया है | अंततः राजमोहन ने 2019 में नौकरी छोड़ दी और भारत वापस लौट आये | राजमोहन ने निर्णय किया कि वो तमिलनाडु के किसानों, एक्सपोर्टर, ट्रेडर के पास जाकर उनकी असली समस्या को समझेंगे और राजमोहन ने वैसा ही किया | इस कार्य से दीपक को असली समस्या की पहचान हुई और 2020 में ग्रीनपॉड लैब्स की स्थापना हुई |

कैसे काम करता है ग्रीनपॉड?

ग्रीनपॉड फलों और सब्जियों को ज्यादा समय तक फ्रेश रखता है वो भी बिना किसी केमिकल के प्रयोग से | राजमोहन ने बताया कि मनुष्य की तरह फलों और सब्जियों में भी इम्यून सिस्टम होता है | हमारी टेक्नोलॉजी इसे ख़राब होने से रोकती है |

क्या है ग्रीनपॉड?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रीनपॉड एक पेपरयुक्त सैचेट है जिसमे लगभग 20 पौधों के
इनग्रेडिएंट्स से मिलकर तैयार किया गया है | यह सैचेट फलों और सब्जियों के बॉक्स में रख दिया जाता है जो अवयव रिलीज़ करता है जिससे फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है | इसे नार्मल ताप पर रख सकते हैं मतलब ठन्डे जगह पर रखने की जरुरत नहीं पड़ती |

इसके प्रयोग से फलों और सब्जियों की शेल्फ लाइफ 40-60 % तक बढ़ जाती है | इस इनोवेशन से कृषि जगत में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है |

कौन से उत्पादों पर कारगर है ?

राजमोहन के अनुसार, कंपनी अभी केला, आम और खट्टे फलों पर काम कर रही है, जिसे आगे अन्य उत्पादों को भी शामिल किया जायेगा |

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