
उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में नई पहल की है | आपको बता दे कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने 21 मई 2025 को राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनपुरी तथा 4 नए राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों का नाम परिवर्तित किये जाने हेतु अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा था | प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने पत्र के माध्यम से बताया था कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भ्रमण के दौरान जनमानस द्वारा नाम परिवर्तन का सुझाव प्राप्त हुआ था |
प्राविधिक शिक्षा के विभाग के इस पहल को प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 28 जून 2025 को स्वीकृति दे दी है जिससे अब परिवर्तित नाम औपचारिक रूप से लागू हो गया है |

कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि इस पहल से नई पीढ़ी को उनके आदर्शों पर चलने तथा तकनीकी विशेषज्ञता के साथ साथ सामाजिक नेतृत्व की भी प्रेरणा मिलेगी | परिवर्तित नामों से कॉलेजों की पहचान न केवल तकनीकी शिक्षा से जुड़ी रहेगी, बल्कि छात्रों में सामाजिक चेतना, आत्मबल और राष्ट्र निर्माण की भावना भी विकसित होगी | आने वाले समय में यह संस्थान उत्तर प्रदेश के युवाओं को तकनीकी विशेषज्ञता के साथ सामाजिक नेतृत्व के लिए भी तैयार करेंगे |
इन 5 इंजीनियरिंग कॉलेजों के बदले नाम
पुराना नाम | नया नाम |
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राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रतापगढ़ | भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रतापगढ़ |
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मिर्जापुर | सम्राट अशोक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मिर्जापुर |
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बस्ती | भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बस्ती |
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोंडा | माँ पाटेश्वरी देवी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, गोंडा |
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मैनपुरी | लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनपुरी |
यह फैसला विशेष क्यों है ?
यह सिर्फ नामकरण नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, आदर्शों और राष्ट्र निर्माण को संस्थागत पहचान देना है। इन महान विभूतियों के नाम शिक्षा संस्थानों से जोड़ने का अर्थ है — आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा का स्थायी स्रोत देना।
अहिल्याबाई होलकर – सुशासन और जनसेवा की मिसाल
डॉ. अंबेडकर – सामाजिक न्याय और संविधान निर्माण के प्रतीक
सम्राट अशोक – शांति, धर्म और अखंड भारत के दूत
सरदार पटेल – राष्ट्रीय एकता के शिल्पकार
माँ पाटेश्वरी देवी – जनमानस की आस्था और संस्कृति की प्रतीक

छात्रों के लिए प्रेरणादायक पहल
जब छात्र इन संस्थानों में प्रवेश करेंगे, तो उन्हें न केवल उच्च तकनीकी शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे इन महापुरुषों के आदर्शों से भी जुड़ेंगे। यह नाम उन्हें बताएंगे कि कैसे कठिनाइयों के बावजूद उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।
जनमानस की भावना को सम्मान
यह कदम जनमानस और प्रबुद्धजनों के सुझाओं का सम्मान भी है | मंत्री श्री आशीष पटेल द्वारा की गई यह पहल शिक्षा को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का प्रयास है। वर्ष 2025 में अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर यह निर्णय और भी विशेष बन जाता है।