
29 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने अपने पांच साल पूरे कर लिए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के क्षेत्र का महत्वपूर्ण सुधार बताया गया था | तो इस इस नीति के पांच वर्ष पूरे पर, इसका आकलन करना जरूरी हो जाता है कि भारत की सबसे महत्वाकांक्षी शिक्षा नीति ने क्या हासिल किया है और आगे के लिए क्या संभावनाएं हैं।
मुख्य उपलब्धियां: आंकड़ों की भाषा में
- आंकड़ों की बात करें तो NIPUN (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy) भारत मिशन ने सबसे महत्वपूर्ण सफलता दिखाई है। यह अभी तक 19 लाख स्कूलों के लगभग 4.2 करोड़ छात्रों तक पहुंच गए हैं, जिससे ग्रेड 3 में साक्षरता दर 58% से 70% तक बढ़ी है। यह 20.7% की वृद्धि दर्शाता है, जो मजबूत नींव तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- शिक्षक प्रशिक्षण में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। NISHTHA कार्यक्रम के तहत 14 लाख+ शिक्षकों का प्रशिक्षण हुआ है, जो समग्र शिक्षा गुणवत्ता में सुधार का संकेत है।
- उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (GER) 2014-15 के 23.7% से बढ़कर 2025 में 28.4% हो गया है, जो 19.8% की वृद्धि दिखाता है। Academic Bank of Credits के माध्यम से 32 करोड़+ ID जारी किए गए हैं, जो लचीली शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत है।
प्रमुख चुनौतियां: वास्तविकता का सामना
सबसे बड़ी चुनौती फंडिंग की कमी है। वर्तमान में भारत अपने GDP का केवल 2.9% शिक्षा पर खर्च करता है, जबकि NEP का लक्ष्य 6% है। यह 51.7% की फंडिंग गैप दर्शाता है। Source
राज्यों में असमान कार्यान्वयन एक और गंभीर समस्या है। जहां 16 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश पूर्ण कार्यान्वयन में हैं, वहीं तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में त्रिभाषा फॉर्मूले और अन्य प्रावधानों का विरोध जारी है।
शिक्षक तैयारी में देरी भी एक महत्वपूर्ण बाधा है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम अभी भी तैयार नहीं हुआ है, जो चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) के कार्यान्वयन में देरी का कारण बन रहा है।
आगे का रास्ता: 2030 तक की योजना
तत्काल प्राथमिकताएं में फंडिंग बढ़ाना और राज्य-केंद्र समन्वय सुधारना शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार, उच्च शिक्षा में 50% GER हासिल करने के लिए सालाना 4.7% growth rate की जरूरत है, जबकि वर्तमान में केवल 1.5-2% की वृद्धि हो रही है।
व्यावसायिक शिक्षा में तेजी लाना भी जरूरी है। NEP का लक्ष्य 2025 तक 50% छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का है, लेकिन अभी तक केवल 15% वृद्धि ITI enrollment में देखी गई है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना आवश्यक है। वर्तमान में 72% स्कूलों में इंटरनेट है, लेकिन 100% connectivity का लक्ष्य अभी भी दूर है।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, “NEP 2020 एक सभ्यतागत पुनर्जागरण है”। हालांकि, शिक्षा विशेषज्ञ प्रो. ए.सी. मेहता चेतावनी देते हैं कि “2030 तक universal education का लक्ष्य तभी संभव है जब dropout rates और funding gaps को तुरंत हल किया जाए” ।
निष्कर्ष: मिश्रित परिणाम
NEP 2020 के पांच साल एक मिश्रित तस्वीर पेश करते हैं। जहां foundational learning, teacher training, और digital integration में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, वहीं funding shortage, uneven implementation, और infrastructure gaps गंभीर चुनौतियां बनी हुई हैं।
यदि वर्तमान गति से काम जारी रहा और मुख्य बाधाओं का समाधान हुआ, तो 2030 तक NEP के core objectives को पूरा करना संभव है। लेकिन इसके लिए सभी stakeholders – केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, शिक्षा संस्थान और समुदाय – को मिलकर काम करना होगा।
NEP 2020 सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का साधन है। इसकी सफलता पर ही भारत के ‘विकसित राष्ट्र’ बनने का सपना निर्भर करता है।