Lenskart Smart Glasses

भारत में चश्मे की बाज़ार में क्रांति लाने वाली lenskart एक और इनोवेशन की तैयारी में है- स्मार्ट ग्लासेस | जहाँ एक ओर यह पहल Wearable Technology को भारत में लोकप्रिय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, वहीँ दूसरी ओर इसे तकनीकी और बाज़ार संबंधी कारणों की वजह से जोखिम भरा कदम देखा जा रहा है |

Qualcomm के साथ साझेदारी: तकनीक की नई दुनिया में प्रवेश ?

हाल में ही प्राप्त जानकारी के अनुसार Lenskart, सेमीकंडक्टर की दुनिया में बड़ा नाम Qualcomm के साथ साझेदारी की तैयारी में है | इस साझेदारी को स्मार्ट ग्लासेस तकनीकी को और एडवांस बनाने को लेकर देखा जा रहा है |

Qualcomm की सहायता से Lenskart इन ग्लासेस में cutting-edge चिप्स, spatial computing और AI capabilities को इंटीग्रेट करेगा।

यह साझेदारी केवल एक तकनीकी सहयोग नहीं है, बल्कि यह Lenskart के भविष्य की दिशा को भी दर्शाती है — जहां eyewear केवल देखने का नहीं, बल्कि सुनने, समझने और इंटरैक्ट करने का माध्यम बन जाएगा।

Phonic Smart Glasses: पहला कदम, भविष्य की झलक

जनवरी 2025 में Lenskart ने अपने पहले स्मार्ट ग्लास Phonic को लॉन्च किया था। यह ग्लास दिखने में आम चश्मे जैसा है, लेकिन इसके भीतर कई स्मार्ट फीचर्स छिपे हैं:

  • Bluetooth Connectivity – बिना मोबाइल निकाले कॉल सुनना या म्यूजिक सुनना संभव।
  • Voice Assistant Support – AI-powered वॉइस असिस्टेंट जो आपके कमांड को सुनता और समझता है।
  • Discreet Speakers – छोटे स्पीकर जो आपके कानों तक ध्वनि पहुंचाते हैं, बिना किसी बाहरी व्यक्ति को सुनाई दिए।

Phonic स्मार्ट ग्लास को Lenskart ने “पहली पीढ़ी” का प्रोडक्ट बताया है, जिससे संकेत मिलता है कि अब जल्द ही दूसरी और बेहतर पीढ़ी के ग्लासेस भी मार्केट में आएंगे।

टेक्नोलॉजी या मार्केट प्रतिस्पर्धा: Lenskart का स्मार्ट पहल

Lenskart केवल एक eyewear कंपनी नहीं रह गई है, बल्कि यह अब एक tech-enabled consumer brand बनने की ओर अग्रसर है। पिछले कुछ वर्षों में कंपनी ने अपने सप्लाई चेन, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और रिटेल नेटवर्क को मज़बूत किया है। अब वह इस मजबूती का उपयोग अपने स्मार्ट ग्लासेस जैसे इनोवेटिव प्रोडक्ट्स के लिए कर रही है।

इसके साथ ही कंपनी भारत के युवाओं और टेक-सेवी यूज़र्स को टारगेट कर रही है, जो वियरेबल्स और स्मार्ट गैजेट्स के लिए पहले से ही उत्साहित हैं।

स्मार्ट ग्लासेस के फायदे और चुनौतियाँ: क्या वाकई यह गेम चेंजर होगा?

संभावनाएँ (Opportunities):

  • नई टेक्नोलॉजी का अनुभव – Voice-activated फीचर्स, seamless connectivity और स्टाइल का कॉम्बिनेशन।
  • फैशन + टेक का मेल – दिखने में स्टाइलिश और काम में स्मार्ट।
  • वर्क फ्रॉम होम और मोबाइल प्रोफेशनल्स के लिए उपयोगी – Hands-free कॉलिंग, नोटिफिकेशन और AI support।

चुनौतियाँ (Challenges):

उपभोक्ता स्वीकार्यता – आम जनता के लिए यह प्रोडक्ट कितना उपयोगी और सुलभ होगा, यह समय बताएगा।

हार्डवेयर इंजीनियरिंग – एक पतले और हल्के ग्लास फ्रेम में बैटरी, स्पीकर, प्रोसेसर और सेंसर को फिट करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

बैटरी लाइफ – लंबे समय तक उपयोग के लिए बेहतर बैटरी क्षमता चाहिए।

प्राइवेसी की चिंता – यूज़र डेटा, माइक/कैमरा जैसी तकनीकों से जुड़ी गोपनीयता का मुद्दा।

Lenskart का अगला अध्याय: ग्लोबल विस्तार और IPO की तैयारी ?

Lenskart की रणनीति केवल स्मार्ट ग्लास तक सीमित नहीं है। कंपनी तेजी से वैश्विक विस्तार कर रही है और आने वाले समय में IPO (Initial Public Offering) की दिशा में भी काम कर रही है। SoftBank, Alpha Wave Global और Temasek जैसे निवेशकों का सपोर्ट इस बात का संकेत है कि कंपनी को भविष्य में वैश्विक टेक ब्रांड बनने की क्षमता है।

स्मार्ट ग्लासेस इसका पहला कदम हो सकता है, लेकिन इसका प्रभाव Lenskart के पूरे बिजनेस मॉडल को प्रभावित कर सकता है — जिससे यह सिर्फ eyewear ब्रांड न रहकर एक “Lifestyle Tech Brand” बन सकता है।

इंडस्ट्री ट्रेंड और प्रतिस्पर्धा

दुनियाभर में Apple, Meta और Google जैसी कंपनियाँ स्मार्ट ग्लासेस पर काम कर रही हैं, लेकिन यह टेक्नोलॉजी अब भी प्रारंभिक दौर में है। भारत में इस सेगमेंट में अब तक कोई मजबूत प्लेयर नहीं था, और यही वो जगह है जहाँ Lenskart को first-mover advantage मिल सकता है।

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