
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन पर लगाए गए प्रतिबंध ने वैश्विक शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है। इस निर्णय से विशेष रूप से भारतीय छात्र प्रभावित होंगे, जो अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढाई कर रहे हैं या दाखिला लेना चाहते हैं |
क्या है ट्रम्प प्रशासन का नया फरमान ?
22 मई 2025 को अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने X पर घोषणा की कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (SEVP) सर्टिफिकेशन रद्द कर दी गई है। इसका अर्थ है कि हार्वर्ड अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को नामांकित नहीं कर सकेगा। यह निर्णय विश्वविद्यालय पर “वोक” विचारधारा को बढ़ावा देने और यहूदी विरोधी घटनाओं को रोकने में विफल रहने के आरोपों के चलते लिया गया है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने एक्शन क्यों लिया ?
क्रिस्टी नोएम ने इस सम्बन्ध में एक पत्र X पर साझा किया है, जिसमे बताया गया है कि अमेरिकी सरकार ने 16 अप्रैल 2025 को कैंपस में पढने वाले विदेशी मूल के छात्रों की जानकारी मागी थी, लेकिन हार्वर्ड प्रशासन इसका जबाब देने में विफल रहा | इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय कैंपस में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों के इलेक्ट्रॉनिक्स रिकॉर्ड, ऑडियो और विडियो विजुअल मागे गए थे | जो हार्वर्ड प्रशासन ने अभी तक नहीं दिया है, जिससे 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है | अब देखना है कि हार्वर्ड प्रशासन क्या कार्यवाही करता है | अगर प्रशासन कार्यवाही नहीं करता है तो विदेशी छात्रों को भविष्य अधर में जाने की सम्भावना है |

प्रभावित छात्र: आंकड़े और वास्तविकताएं
इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार आंकड़े निम्नलिखित हैं जो विचलित करते हैं :
- हार्वर्ड में लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं, जिनमें से 788 भारतीय हैं।
- इन छात्रों को अब अन्य संस्थानों में स्थानांतरण करना होगा या अमेरिका में अपने कानूनी स्थिति को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक उपाय खोजने होंगे।
- कुछ छात्रों ने पहले ही अपनी पढ़ाई के लिए भारी ऋण लिया है, और अब वे अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं।
भारतीय छात्रों का भविष्य और चुनौतियाँ
भारतीय छात्रों के लिए यह निर्णय कई चुनौतियाँ लेकर आया है:
- शैक्षणिक अस्थिरता: पाठ्यक्रम के बीच में स्थानांतरण से उनकी शिक्षा में व्यवधान आ सकता है।
- वित्तीय दबाव: अचानक स्थानांतरण और अन्य खर्चों से आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
- विज़ा और कानूनी स्थिति: SEVP सर्टिफिकेशन रद्द होने से छात्रों की विज़ा स्थिति पर असर पड़ सकता है।
- करियर योजनाओं पर प्रभाव: OPT और H-1B जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से अमेरिका में करियर बनाने की योजनाएँ बाधित हो सकती हैं।