
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 11 और 12 के Legal Studies के सिलेबस में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। इस नए सिलेबस में ट्रिपल तलाक, देशद्रोह और सेक्शन 377 जैसे ऐतिहासिक कानूनों के बदलाव को शामिल किया गया है, जो 2026-27 शैक्षणिक सत्र से लागू होगा। Source
मुख्य बदलाव और तिथियां
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, CBSE की पाठ्यक्रम समिति ने जून 2025 में इस फैसले को मंजूरी दी थी, जिसे बाद में शासी निकाय द्वारा अनुमोदित किया गया। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुकूल आधुनिक शिक्षाशास्त्र को अपनाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा बताया जा रहा है। Source
नए सिलेबस में शामिल मुख्य विषय:
पुराने कानून (हटाए गए) | नए कानून (जोड़े गए) | वर्ष |
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ट्रिपल तलाक | मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 | 2017-2019 |
सेक्शन 377 (समलैंगिकता अपराधीकरण) | Navtej Singh Johar निर्णय 2018 | 2018 |
देशद्रोह कानून (धारा 124A) | भारतीय न्याय संहिता सेक्शन 152 | 2023-24 |
भारतीय दंड संहिता (IPC) | भारतीय न्याय संहिता (BNS) | 2023-24 |

क्या है कानूनी इतिहास और महत्वपूर्ण तथ्य
ट्रिपल तलाक – एक ऐतिहासिक फैसला
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को शायरा बानो बनाम भारत संघ मामले में 3:2 के बहुमत से तत्काल ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था। इससे पहले मिस्र (1929), पाकिस्तान (1956), बांग्लादेश (1972) जैसे 22 मुस्लिम देश पहले ही इस कुप्रथा को समाप्त कर चुके थे। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला हैं जो निश्चित रूप से आने वाले समय में समाज में एक अच्छा संकेत जायेगा | Source
मुख्य आंकड़े:
- ट्रिपल तलाक कानून बनने के बाद 82% तक मामलों में कमी
- 2019 में केंद्र सरकार ने इसे आपराधिक अपराध बनाया
- 3 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान
सेक्शन 377 – औपनिवेशिक कानून से मुक्ति
सेक्शन 377 को 1861 में British Buggery Act के आधार पर बनाया गया था। 6 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने Navtej Singh Johar बनाम भारत संघ मामले में सर्वसम्मति से इसे असंवैधानिक घोषित किया।
प्रमुख बिंदु:
- विश्व के 123 देशों में समलैंगिकता कभी अपराध नहीं थी
- 157 साल बाद समलैंगिकता का अपराधीकरण समाप्त
- संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19, और 21 का उल्लंघन माना गया
देशद्रोह कानून – नया रूप
भारतीय न्याय संहिता 2023 में सेक्शन 152 के रूप में देशद्रोह को नए रूप में शामिल किया गया है। यह पुराने सेक्शन 124A का विस्तृत संस्करण है, जिसमें “अलगाववाद”, “सशस्त्र विद्रोह” और “तोड़फोड़ गतिविधियों” को भी शामिल किया गया है।
Legal Studies विषय का विकास
प्राप्त जानकारी कि अनुसार, Legal Studies को CBSE ने कक्षा 11 में 2013 और कक्षा 12 में 2014 में शुरू किया था। वर्तमान में यह विषय 29 अतिरिक्त स्कूलों में भी चलाया जा रहा है।
पिछले अपडेट्स:
- 2022-23: POSH Act 2013, RTI Act, Consumer Protection Act शामिल
- 2026-27: नए कानूनी सुधार और ऐतिहासिक निर्णय
छात्रों के लिए लाभ
यह सिलेबस अपडेट छात्रों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगा:
शैक्षणिक लाभ:
- आधुनिक कानूनी ज्ञान: BNS, BNSS, और BSA की समझ
- ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: औपनिवेशिक से आधुनिक भारतीय कानून का विकास
- व्यावहारिक शिक्षा: प्रोजेक्ट वर्क और केस स्टडी
करियर संभावनाएं:
- कानून में स्नातक के लिए बेहतर तैयारी
- सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अद्यतन कानूनी जानकारी
- न्यायिक सेवाओं में करियर के लिए मजबूत आधार
विशेषज्ञ समिति और तैयारी
मीडिया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, CBSE एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगा और संभावित रूप से एक कंटेंट डेवलपमेंट एजेंसी को भी शामिल करेगा, जो वैलिड सोर्स से कंटेंट लिखेगी | गठित कमेटी कंटेंट को अंतिम रूप देकर नै किताब में शामिल करेगी | नई पाठ्यपुस्तकें शैक्षणिक सत्र 2026-27 में आने की उम्मीद जताई जा रही है, जिसे मार्केट में उपलब्ध कराकर छात्रों तक पहुचाया जायेगा |