AI Education Budget

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में AI Centre of Excellence for Education के लिए ₹500 करोड़ का ऐतिहासिक आवंटन घोषित किया है। यह पहल भारत की शिक्षा व्यवस्था में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। Source

क्यों जरूरी है यह AI क्रांति?

आज भारत में शिक्षा की स्थिति कुछ इस प्रकार है:

UNESCO की रिपोर्ट बताती है कि भारत को अपनी बढ़ती जनसंख्या की शैक्षणिक जरूरतों को पूरा करने के लिए लाखों और शिक्षकों की आवश्यकता है। राजस्थान में हुई एक चौंकाने वाली खोज के अनुसार, 88% पांचवीं कक्षा के छात्र बुनियादी गणित में भाग करने में असमर्थ थे। यही कारण है कि AI जैसी तकनीक अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गई है।

₹500 करोड़ का निवेश: कहां और कैसे खर्च होगा?

व्यक्तिगत शिक्षा प्लेटफॉर्म (Personalized Learning)

यह बजट उन AI सिस्टम के विकास में लगाया जाएगा जो हर छात्र की अलग जरूरतों को समझकर उनके लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम तैयार करेंगे। जैसे अगर राहुल को गणित में कमजोरी है, तो AI उसके लिए विशेष गणित अभ्यास तैयार करेगा।

AI-संचालित मूल्यांकन उपकरण

परीक्षा और होमवर्क की जांच अब मिनटों में हो जाएगी। शिक्षकों का समय बचेगा और छात्रों को तुरंत फीडबैक मिल सकेगा।

स्मार्ट कंटेंट जेनेरेशन

AI सेकंडों में क्विज़, फ्लैशकार्ड और अध्ययन नोट्स बना देगा। शिक्षकों को घंटों का काम मिनटों में मिल जाएगा।

कौशल विकास के नए आयाम

बजट से पांच National Centres of Excellence for Skilling बनाए जाएंगे:

  • रोबोटिक्स सेंटर: जहां छात्र रोबोट बनाना और चलाना सीखेंगे
  • साइबर सिक्योरिटी हब: डिजिटल सुरक्षा के एक्सपर्ट तैयार करने के लिए
  • AI टेक्नोलॉजी लैब: भविष्य के AI इंजीनियरों की ट्रेनिंग के लिए
  • करिकुलम डिजाइन सेंटर: नए जमाने के अनुकूल पाठ्यक्रम बनाने के लिए

राजस्थान का चमत्कारिक प्रयोग: 4 लाख छात्रों का जीवन बदला

राजस्थान सरकार ने BCG (Boston Consulting Group) और Michael & Susan Dell Foundation के साथ मिलकर एक अनोखा प्रयोग किया। Shikshak ऐप के माध्यम से AI का उपयोग करके:

  • 4 लाख छात्रों को learning poverty से निकाला गया
  • शिक्षकों को व्यक्तिगत शिक्षण सामग्री प्रदान की गई
  • छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर तुरंत सुधार के सुझाव दिए गए
  • पारंपरिक रटकर सीखने की बजाय competency-based learning को बढ़ावा दिया गया

छात्रों के लिए AI का वास्तविक मतलब

24/7 व्यक्तिगत ट्यूटर: आने वाले समय में हर छात्र के पास अपना निजी AI शिक्षक होगा जो:

  • रात 2 बजे भी गणित का सवाल हल करके दिखाएगा
  • छात्र की गति के अनुसार पाठ को धीमा या तेज़ करेगा
  • कमजोर विषयों पर अतिरिक्त अभ्यास करवाएगा
  • सफलता की प्रगति को real-time में ट्रैक करेगा

भाषा की बाधा का अंत

AI के कारण अब गांव का बच्चा भी IIT की पढ़ाई अपनी मातृभाषा में कर सकेगा। मल्टी-लिंग्वल AI सिस्टम हिंदी, तमिल, बंगाली में भी उसी गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करेंगे।

शिक्षकों के लिए AI: सहायक, प्रतिस्पर्धी नहीं

Administrative बोझ से मुक्ति: AI शिक्षकों को निम्नलिखित कामों से मुक्त करेगा:

  • कॉपी चेकिंग का स्वचालन
  • उपस्थिति रिकॉर्ड रखना
  • रिपोर्ट कार्ड तैयार करना
  • पैरेंट-टीचर मीटिंग के लिए डेटा तैयार करना

चुनौतियां और समाधान की राह

  • डिजिटल डिवाइड: अभी भी कई गांवों में high-speed internet नहीं है
  • शिक्षक प्रशिक्षण: पुराने शिक्षकों को नई तकनीक सिखाना चुनौतीपूर्ण है
  • डेटा प्राइवेसी: छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा जरूरी है

AI Education Budget 2025 का यह ₹500 करोड़ का निवेश सिर्फ एक आर्थिक फैसला नहीं, बल्कि भारत के करोड़ों बच्चों के भविष्य में निवेश है। AICTE द्वारा 2025 को “Year of AI” घोषित करना इस बात का प्रमाण है कि सरकार गंभीरता से AI शिक्षा को आगे बढ़ा रही है।

आने वाले दशक में भारत न केवल वैश्विक AI शिक्षा का हब बनेगा, बल्कि एक ऐसी पीढ़ी तैयार करेगा जो 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार होगी। यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूपांतरण का कारक भी बनेगा।

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