
उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 जून 2025 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए “बेड एंड ब्रेकफास्ट तथा होम स्टे नीति 2025” को मंजूरी दे दी है। इस नीति का उद्देश्य है राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय युवाओं को रोजगार देना और पर्यटकों को पारंपरिक उत्तर भारतीय आतिथ्य का अनुभव कराना।
होम स्टे क्या होता है?
होम स्टे एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें पर्यटक होटल की बजाय स्थानीय लोगों के घर में रुकते हैं। यह न सिर्फ एक सस्ता और घरेलू अनुभव देता है, बल्कि मेहमानों को स्थानीय संस्कृति, खानपान और रहन-सहन को करीब से जानने का अवसर भी देता है।
अभी कहाँ चल रहा है होम स्टे सिस्टम?
भारत के कई पर्यटन केंद्रों पर पहले से ही होम स्टे मॉडल सफलतापूर्वक चल रहा है:
- उत्तराखंड – नैनीताल, रानीखेत जैसे हिल स्टेशनों पर
- हिमाचल प्रदेश – मनाली, धर्मशाला आदि में
- राजस्थान – जैसलमेर, उदयपुर में पारंपरिक हवेलियों को होम स्टे में बदला गया है
- केरल – “गॉड्स ओन कंट्री” में ये मॉडल बहुत लोकप्रिय है
उत्तर प्रदेश में अब तक इस तरह की कोई स्पष्ट नीति नहीं थी, इसलिए यह कदम ऐतिहासिक माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में यह योजना क्यों लाई गई?
उत्तर प्रदेश में पर्यटन लगातार बढ़ रहा है, पर्यटकों को और सुभिधाजनक बनाने के लिए यह पहल शुरू किया गया है | उत्तर प्रदेश भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। जैसे:
- अयोध्या – राम जन्मभूमि
- वाराणसी – विश्व का सबसे प्राचीन नगर
- मथुरा-वृंदावन – भगवान श्रीकृष्ण की नगरी
- आगरा – ताजमहल
हर साल लाखों पर्यटक यहाँ आते हैं, लेकिन कई बार उन्हें सस्ते, सुरक्षित और पारिवारिक माहौल वाले रहने की जगह नहीं मिल पाती। इसी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने होम स्टे नीति लागू की है।
इस नीति से क्या फायदे होंगे?
✅ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा – घरेलू और विदेशी पर्यटक लंबे समय तक ठहर सकेंगे।
✅ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा – विशेषकर महिलाओं, बेरोजगार युवाओं को।
✅ अतिथि देवो भव की भावना का प्रसार होगा।
✅ स्थानीय संस्कृति और परंपराएं संरक्षित होंगी।
✅ पर्यटक महंगे होटलों के मुकाबले सस्ते और बेहतर अनुभव ले सकेंगे।
आवेदन और पंजीकरण की प्रक्रिया
सरकार ने पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बना दिया है:
🛏 पात्रता:
- घर में कम से कम 6 कमरे और 12 बेड हों।
- घर साफ-सुथरा और पर्यटकों के अनुकूल हो।
- मालिक उत्तर प्रदेश का निवासी हो।
आवश्यक दस्तावेज:
- पहचान पत्र (आधार कार्ड)
- घर का स्वामित्व प्रमाण (रजिस्ट्रेशन डीड/लीज डॉक्युमेंट)
- बिजली/पानी बिल
- कमरों की तस्वीरें
आवेदन प्रक्रिया:
- उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं (जैसे uptourism.gov.in)
- “होम स्टे पंजीकरण” टैब पर क्लिक करें
- आवश्यक जानकारी और दस्तावेज़ अपलोड करें
- निरीक्षण के बाद लाइसेंस जारी होगा
किन जिलों में पहले लागू होगी यह योजना?
पहले चरण में यह नीति इन स्थानों पर प्राथमिकता से लागू की जा रही है:
- अयोध्या
- वाराणसी
- मथुरा
- चित्रकूट
- नैमिषारण्य
- गोरखपुर
- आगरा
बाद में पूरे राज्य में विस्तार किया जाएगा।