Freez Float and Internal sliding

अगर आप JEE Main या किसी राज्य स्तरीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी (जैसे HBTU, AKTU आदि) के तहत बी.टेक या अन्य कोर्स के लिए काउंसलिंग में भाग ले रहे हैं, तो आपने शायद Freeze, Float और Internal Sliding जैसे विकल्प देखे होंगे। बहुत से छात्रों और अभिभावकों को इन विकल्पों का मतलब नहीं समझ आता, जिससे निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति बन जाती है।

इस लेख में हम इन तीनों विकल्पों को उदाहरणों सहित विस्तार से समझा रहे हैं ताकि आप समझदारी से फैसला ले सकें।

Freeze Option क्या होता है?

Freeze का मतलब है: जो सीट आपको मिली है उसे फाइनल मान लेना और आगे की काउंसलिंग राउंड में भाग न लेना।

✅ कब चुनें?

  • जब आपको अपनी पसंदीदा कॉलेज और ब्रांच मिल गई हो।
  • जब आप आगे की काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेना चाहते।

🧾 क्या करना होता है?

  • पूरी फीस जमा करनी होती है (जैसे ₹1,35,000 HBTU में)।
  • ऑनलाइन पोर्टल (जैसे ERP) में अकादमिक रजिस्ट्रेशन करना होता है।
  • इसके बाद आप इंटरनल स्लाइडिंग के पात्र हो जाते हैं (आगे समझेंगे)।

📌 उदाहरण:

राहुल को HBTU में CSE ब्रांच मिल गई, जो उसकी पहली पसंद थी। उसने सीट Freeze कर दी, पूरी फीस जमा की और आगे की राउंड में भाग नहीं लिया।

Float Option क्या होता है?

Float का मतलब है: अभी मिली सीट स्वीकार करना, लेकिन आगे के राउंड में बेहतर विकल्प मिलने की उम्मीद रखना।

✅ कब चुनें?

  • जब मिली ब्रांच ठीक-ठाक है, लेकिन आप इससे बेहतर ब्रांच या कॉलेज की उम्मीद कर रहे हैं।
  • जब आप अगली काउंसलिंग राउंड (Round 2, Round 3) में भाग लेना चाहते हैं।

🧾 क्या करना होता है?

  • पूरी फीस जमा करनी होती है (जैसे ₹1,35,000 HBTU में)।
  • अगली राउंड की चॉइस लॉकिंग और अलॉटमेंट की प्रक्रिया में फिर से भाग लेना होता है।

📌 उदाहरण:

सोनल को HBTU में Mechanical ब्रांच मिली, लेकिन वो Electrical चाहती थी। उसने FLOAT चुना, और अगली राउंड की प्रतीक्षा कर रही है।

Internal Sliding क्या होती है?

Internal Sliding का मतलब है: कॉलेज के अंदर ही ब्रांच बदलने का मौका, लेकिन कॉलेज नहीं बदलेगा।

✅ कब होती है?

  • यह केवल उन छात्रों के लिए होती है जिन्होंने Freeze किया हो।
  • कॉलेज के अंदर बची हुई सीटों पर अलॉटमेंट होता है।

🧾 कैसे काम करती है?

  • मान लीजिए आपने Freeze करके Mechanical ब्रांच ली है, लेकिन आपकी प्राथमिकता Electrical थी।
  • अगर अंत में Electrical की कोई सीट खाली रह जाती है और आपकी रैंक के अनुसार आप पात्र हैं, तो Internal Sliding से वह सीट आपको मिल सकती है।

📌 विशेष बातें:

  • Internal Sliding केवल उसी कॉलेज की ब्रांचों के बीच होती है।
  • यदि sliding नहीं होती तो आपकी फ्रीज की गई सीट बनी रहती है, कोई नुकसान नहीं।

🤔 तीनों विकल्पों में अंतर को एक नज़र में समझें:

विकल्पसीट पक्की?अगले राउंड में भाग?ब्रांच बदलने की उम्मीद?
Freezeहां ✔️नहीं ❌Internal Sliding में हां ✔️
Floatनहीं ❌हां ✔️हां ✔️ (बाहरी काउंसलिंग राउंड में)
Internal Slidingहां ✔️ (Freeze किया हुआ)नहीं ❌हां ✔️ (कॉलेज के अंदर)

निर्णय लेते समय ध्यान देने योग्य बातें:

  • अपनी पसंदीदा ब्रांच और कॉलेज की प्राथमिकता पहले से तय कर लें।
  • अपनी रैंक, सीटों की उपलब्धता और आगे के राउंड में प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखें।
  • फीस की वापसी नीति (Refund Policy) ज़रूर पढ़ें।
  • किसी भी विकल्प को चुनने के बाद समय पर फीस और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करना जरूरी है।

निष्कर्ष

Freeze, Float और Internal Sliding – ये तीनों विकल्प आपके करियर की दिशा तय कर सकते हैं। अगर आपको यह समझ आ गया है कि कब कौन-सा विकल्प लेना है, तो आप बहुत हद तक गलत निर्णयों से बच सकते हैं। काउंसलिंग में समझदारी से निर्णय लें, सभी दिशा-निर्देश और डेडलाइंस को समय पर फॉलो करें।

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