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DigiPin: पिन कोड को कहे बाय — भारत का नया डिजिटल पता प्रणाली

DigiPin (डिजिटल पिन) भारतीय डाक विभाग द्वारा विकसित एक नया डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम है, जो पारंपरिक 6 अंकों वाले पिनकोड की सीमाओं को दूर करने के लिए बनाया गया है। यह प्रणाली भारत को लगभग 4 मीटर x 4 मीटर के ग्रिड्स में विभाजित करती है, और प्रत्येक ग्रिड को 10-अंकों का यूनिक अल्फ़ान्यूमेरिक कोड (Ex. 123-XYZ-B8K9) प्रदान करती है। यह कोड GPS आधारित होता है और ऑफलाइन भी उपयोग किया जा सकता है। Source: India Post

DigiPin की आवश्यकता क्यों पड़ी?

पारंपरिक पिनकोड प्रणाली किसी क्षेत्र की सामान्य पहचान प्रदान करती है, लेकिन यह किसी कूरियर या डिलीवरी व्यक्ति को सटीक पते तक पहुँचाने में असमर्थ होती है। इस समस्या को हल करने के लिए DigiPin की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य किसी भी स्थान का सटीक डिजिटल पता प्रदान करना है। Digipin की मदद से सही लोकेशन पर आसानी से पंहुचा जा सकता है |

DigiPin किसने बनाया?

DigiPin (Digital Postal Index Number) को भारतीय डाक विभाग ने IIT हैदराबाद और ISRO के NRSC के सहयोग से विकसित किया है। यह एक ओपन-सोर्स, इंटरऑपरेबल, जियो-कोडेड, ग्रिड-आधारित डिजिटल एड्रेस सिस्टम है, जो भारत के डिजिटल एड्रेस इकोसिस्टम का एक प्रमुख घटक है। Source: India Post

DigiPin के फायदे:

DigiPin का उपयोग कैसे करें?

कैसे होता है Digipin:

जिंक क्या है ? इसके फायदे, स्रोत और कमी के लक्षण जानिए

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